Tuesday, August 31, 2010

नीच व्यक्तियों के विषय में चाणक्य -कथन

दह्यमाना: सुतीव्रेन नीचा: पर-यशो अग्निना
अशक्तास्तात्पद्म गन्तु ततो निंदा प्रकुर्वते ।।[246]

नीच व्यक्तियों को दूसरों का यश अग्नि के समान जलाता है। वे दूसरों के समान श्रेष्ठ पद प्राप्त करना चाहते हैं। यशस्वी होना चाहते हैं। वे ऐसा नहीं कर पाते तो प्रतिष्ठित और सम्मान्य व्यक्तियों की निंदा में लिप्त हो जाते हैं।-चाणक्य
पुस्तक- चाणक्य नीति
संपादक-अशोक लव

5 comments:

माधव( Madhav) said...

nice

Ashok Lav said...

Thanks Madhav!

Unknown said...

baat main dam hai

Anonymous said...

Ashok Lav ,We should learn from the experiences for empowering ourselves.

Dr Ramesh Kumar said...

Ashok Lav ,We should learn from the experiences for empowering ourselves.