Wednesday, October 28, 2009

मोहयाल मित्तर के संपादक श्री एन.डी.दत्ता जी का निधन / अशोक लव

जीवन के अन्तिम सार्वजानिक कार्यक्रम में ( देहरादून,३ अक्टूबर)
मोहयाल - भवन अम्बाला के समारोह में
*चित्र --मोहयाल-दिवस २००८ , नई दिल्ली

जीवन के अन्तिम सार्वजानिक कार्यक्रम में ( देहरादून,३ अक्टूबर) <- चित्र
श्री एन डी दत्ता जी का २७ अक्टूबर २००९ को निधन हो गया। वे लगभग २० वर्षों से ' मोहयाल मित्तर ' पत्रिका के कार्यकारी संपादक थे। वे पूर्णतया स्वस्थ थे और 'मोहयाल यूथ कैम्प' में एक से चार अक्टूबर तक देहरादून रहे थे। चार अक्टूबर को दिल्ली लौटने पर उनकी तबीयत ख़राब हो गई। उन्हें पक्षाघात हुआ। पहले उन्हें जीवन ज्योति नर्सिंग होम में डॉ रमेश दत्ता को दिखाया गया। उनके कहने पर उन्हें ' कालरा हॉस्पिटल' कीर्ति नगर में दाखिल किया गया। स्वस्थ न होने पर उन्हें मेक्स हॉस्पिटल , साकेत में एडमिट कराया गया। २३ अक्टूबर को मेरी उनके पुत्र श्री अनिल दत्ता से बातचीत हुई। उन्होंने बताया था कि सुधार हो रहा है। दस-बारह दिनों में घर आ जाएँगे। ठीक होते - होते छः महीने लग जाएँगे। श्री एन डी दत्ता जी की आवाज़ भी चली गई थी। हम सब उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे।

मैंने उनके साथ एक अक्टूबर को देहरादून कैम्प जाना था। उन्होंने टिकट भी बुक करा दी थी। अस्वस्थ होने के कारण मैं देहरादून न जा सका और उन्हें रेल-टिकट कैंसल कराने के लिए कहा। उस समय यह ध्यान न आया कि उनके साथ अब कभी यात्रा न कर सकूँगा।
मैं ' मोहयाल मित्तर' पत्रिका का सन् १९८७ से हिन्दी संपादक था। एन डी दत्ता जी ने लगभग एक वर्ष बाद इंगलिश के संपादक का कार्यभार संभाला। हम दोनों वर्षों तक साथ- साथ कार्य करते रहे। समाज - सेवा का कार्य था। वे मेरे पिता-तुल्य थे। आयु में बहुत अन्तर था। फिर भी मेरे लिए वे हमेशा मित्र, बड़े भाई, मार्गदर्शक और शुभचिंतक भी रहे।वे हँसमुख और बहुत सक्रिय थे। इंगलिश भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार था। उनके जैसे इंगलिश के संपादक कम हुए हैं। उनके इंगलिश के भाषण मंत्रमुग्ध कर देते थे। कई महीनों से हम 'मोहयाल मित्तर' के संपादक -पद को छोड़ देने पर आपस में विचार करते रहते थे।मैंने एक अक्टूबर को इस पद से त्यागपत्र दे दिया। वे इस संसार से विदा हो गए। नवम्बर२००९ के 'मोहयाल मित्र' में हम दोनों का नाम नहीं होगा। यह अद्भुत संयोग है!
उनका अन्तिम - संस्कार २७ अक्टूबर को हुआ। इस दुखद अवसर पर सगे-सम्बन्धियों के अतिरिक्त जी एम एस और स्थानीय मोहयाल सभाओं के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। श्री जी एल दत्ता जोश, श्री ओ पी मोहन, मेजर एस एस दत्ता,श्री अशवनी बाली, श्री एस के छिब्बर, श्री योगेश मेहता, श्रीमती कृष्ण लता छिब्बर, श्री डी वी मोहन (जी एम एस ), श्री रमेश दत्ता, श्री सुरजीत मेहता, श्री बलराम दत्ता, श्री अजय दत्ता (फरीदाबाद), श्री पी के दत्ता (सिस्टोपिक कम्पनी) श्री दलीप सिंह दत्ता (यमुनापार) श्री जे सी बाली (एम पी स्कूल), श्री विमल छिब्बर ( द्वारका) , श्री संदीप दत्ता (जनकपुरी ), श्री सुभाष दत्ता ( अशोक विहार), श्री गीता छिब्बर, श्री अविनाश दत्ता (उत्तम नगर),श्री नरेश दत्ता (रोहणी) , डॉ रमेश दत्ता ( ज्योति नर्सिंग होम,विकासपुरी),श्री पी एल मेहता (पीतमपुरा),श्री एस एन दत्ता ( एम पी स्कूल),श्री सुखदेव लौ ( वेस्ट ज़ोन ),श्री जगदीश बाली ( गुडगाँव),श्री रंगनाथन ( जी एम एस, आफिस) आदि उनके लगभग २०० से अधिक शुभचिंतकों ने उन्हें भावपूर्ण अन्तिम विदाई दी।
स्वर्गीय एन डी दत्ता जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ३० अक्टूबर को आर्य समाज मन्दिर, विकासपुरी ( आउटर रिंग रोड ) , नई दिल्ली में से बजे तक श्रद्धांजलि-सभा होगी
भगवान से विनम्र निवेदन है कि वे श्री एन डी दत्ता जी की आत्मा को सदगति प्रदान करें शान्ति! शान्ति!शान्ति !
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स्वर्गीय श्री एन डी दत्ता दत्ता जी के निधन पर प्राप्त संदेश--
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श्री एन डी दत्ता जी ज़मीन से जुड़े मोहयाल थे। उनमें अहं का नामोनिशान तक नहीं था। वे एक मिनट में दूसरे को अपना बना लेते थे। उन्होंने जी एम एस के लिए जो काम किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे हमेशा खुश रहते थे। उन्होंने हमें ज़िंदगी को ईमानदारी से जीने की प्रेरणा दी थी। वे युवाओं के साथ युवा हो जाते थे। भगवान उनकी आत्मा को सद्गति दें.
--मनीष बाली
(लुधिआना )
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एन डी दत्ता जी के निधन की सूचना पाकर हम हैरान रह गए। उनके एडिटोरियल मोहयाल मित्तर में पढ़ते रहते थे। इंगलिश सेक्शन उनके कारण ही इतना अच्छा रहता था। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दें. परिवारजन के प्रति हमारी शोकसंवेदनाएं।
--सुरेन्द्र कुमार लौ (जयपुर )
* एन डी दत्ता जी की कमी हमेशा खलती रहेगी। मोहयाल मित्तर के द्वारा उनके साथ हम जुड़े हुए थे। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दें।
--डॉ नीना छिब्बर ( जोधपुर)
* एन डी दत्ता जी के साथ हमारा कई सालों का सम्बन्ध था। वे हंसमुख और मिलनसार थे। हमारी श्रद्धांजलि !
--नवदीप दत्ता (अम्बाला)
*श्री एन डी दत्ता जी जैसे संपादक जी एम एस को शायद ही मिल पाएँ। हम उनकी इंगलिश से बहुत कुछ सीखते थे।
उन्हें कई बार सुनने के मौके भी मिले। ऐसे हरदिलअज़ीज़ इन्सान बहुत कम होते हैं। इस दुःख के मौके पर हम उनके परिवार के साथ हैं।
श्री एन डी दत्ता जी की आत्मा प्रभु के चरणों में निवास करे।
--श्रीमती सुमन दत्ता ( नई दिल्ली )
* श्री एन डी दत्ता जी हमारे परिवार के बड़े थे। पापा जी से उनके बारे में पता चलता रहता था। हम पर उनका स्नेह था। उनकी बीमारी से चिंतित थे। उनके निधन के समाचार पर विश्वास नहीं हुआ।
भगवान उनकी आत्मा को सद्गति दें।
~~ऋचा मेहता ( फरीदाबाद)
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श्री एन डी दत्ता जी अंतिम समय तक मोहयाल बिरादरी की सेवा करते रहे। वे यूथ कैम्प में युवाओं को प्रेरणा देने गए। हर महीने मोहयाल मित्तर का काम करना... इस उम्र में यह सब मुश्किल होता है। पर उन्होंने किया। वे सचमुच सच्चे सोशल-वर्कर थे। हमारे परिवार की श्रद्धांजलि !
~~रमन लौ (पीतमपुरा)
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श्री एन डी दत्ता जी के काम करने का अवसर मिला था। मोहयाल आश्रम हरिद्वार के मैनेजर के रूप कार्य करते समय उनका स्नेह मिला। वे विद्वान और बड़े एक्टिव थे। हमेशा सबको खुश रखते थे। हमारे प्रेरक थे। हमें ही नहीं पूरी मोहयाल बिरादरी को उनकी कमी महसूस होती रहेगी। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दें !
--सुभाष दत्ता ( नई दिल्ली)
* श्री एन डी दत्ता जी के निधन से एक और कर्मयोगी मोहयाल कम हो गए। ऐसे मोहयाल जो सबको अपना बना लें कम हैं। हमारी श्रद्धांजलि !
--राजेंद्र कुमार बक्षी ( गुडगाँ )
*श्री एन डी दत्ता जी के परिवार के सदस्यों तक हमारी शोक-संवेदना पहुँचा दें। भगवान उनकी आत्मा को सद्गति दें।
--श्रीमती पी वैद (कानपुर)
*भगवान से प्रार्थना है वे श्री एन डी दत्ता जी की आत्मा को अपनी शरण में रखें।मोहयाल मित्र के सदस्यों को उनकी कमी महसूस होती रहेगी। वे इंगलिश के स्कॉलर थे।
--सचिन बाली (वैशाली)
*श्री एन डी दत्ता जी को मोहयाल सभा द्वारका की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
उन्होंने बीस से अधिक वर्षों तक मोहयालों की निस्वार्थ भाव से सेवा की है। मोहयाल मित्र के इंगलिश के संपादक के रूप में तो वे हमेशा याद किए ही जाएँगे, एक नेकदिल,हँसमुख और स्पष्टवादी इन्सान के रूप में हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे। -
--गुलशन मेहता ( प्रेजिडेंट ), विमल छिब्बर ( जनरल सेक्रेट्री )

1 comment:

sumeet said...

I pay my homage to late shri nd datta jee, a great mohyal!