सुनने वाले लोग चौंके आखिर ऐसा क्या हुआ, जो आखिरी समय पर ऐसा किया गया। जानकारों का कहना है कि असल में दुबई को पिछले दिनों आए आर्थिक संकट की कीमत चुकानी पड़ी है। शेख खलीफा ने ही दुबई को आर्थिक संकट से उबारने में मदद की थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले 12 महीनों में दुबई में अचल संपत्तिके दामों में जमकर गिरावट आई। हाल ही में रियल स्टेट के कीमतें 50 फीसदी तक नीचे गिर गईं थीं। ऐसे में, दुबई को इस संकट से बाहर निकालने के लिए पड़ोसी, अबु धाबी ने 25 अरब डालर [करीब 1 खरब रुपये] की सहायता दी थी। इसके पीछे राष्ट्रपति शेख खलीफा की पहल को ही मुख्य माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शेख खलीफा का परिवार अमीरात का मुख्य राजसी परिवार है और राजधानी अबू धाबी में रहता है। अबू धाबी संयुक्त अरब अमीरात, दुबई के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
असल में, दुबई की आर्थिक संपन्नता का इस क्षेत्र में प्रभाव है कि इसे कई बार 'दुबई इस्टेट' कह कर, बाकी अमिरात से अलग भी संबोधित किया जाता है। ऐसे में 'बुर्ज दुबई' दुबई को दुनिया में अमीरात से एक लगभग स्वतंत्र पहचान दिला सकता था। परंतु बीते हफ्तों से इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि अबु धाबी किस हद तक बढ़ कर दुबई को आर्थिक संकट से उबारने में मदद करेगा। तभी दुनिया की सबसे बड़ी इमारत [828 मीटर] के उद्घाटन समारोह के चंद मिनट पहले ही दुबई के शासक शेख मुहम्मद बिन राशिद अल-मखतूम ने बुर्ज दुबई को शेख खलीफा को समर्पित कर दिया। हालांकि शेख खलीफा उद्घाटन समारोह में मौजूद नहीं थे।
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