"निर्विकल्प आकार विहीना, मुक्ति, बंध- बंधन सों हीना.
मैं तो परमब्रह्म अविनाशी, परे, परात्पर परम प्रकाशी.
व्यापक विभु मैं ब्रह्म अरूपा, मैं तो ब्रह्म रूप तदरूपा.
चिदानंदमय ब्रह्म सरूपा, मैं शिव-रूपा, मैं शिव-रूपा ॥
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ना मैं मरण भीत भय भीता, ना मैं जनम लेत ना जीता.
मैं पितु, मातु, गुरु, ना मीता. ना मैं जाति-भेद कहूँ कीता.
ना मैं मित्र बन्धु अपि रूपा, मैं तो ब्रह्म रूप तदरूपा.
चिदानंदमय ब्रह्म सरूपा, मैं शिव-रूपा, मैं शिव-रूपा ॥
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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