ミ★мαηιѕн★彡:
छुट्टियों के दिन थे। एक सर्द शाम छह या सात साल का छोटा बच्चा एक दुकान की खिडकी के सामने खडा था। उस बच्चे के पैरों में जूते नहीं थे। वह फटे-पुराने चीथडों में था। एक युवती उसके करीब से गुजरी। उसने बालक की नन्ही आंखो में झांका। बच्चे का हाथ पकडकर वह उसे दुकान में ले गई। युवती ने उसके लिए नए जूते व गर्म कपडों का एक सूट खरीदा।
दुकान से बाहर सडक पर आकर उस युवती ने बच्चे से कहा "अब तुम घर जाओ और अपनी छुट्टी मजे से बिताओ।"
बालक ने उसे पूरी नजर से देखते हुए सवाल किया, "मैडम क्या आप भगवान हैं?"
युवती ने मुस्कुराते हुए उसे जवाब दिया "नहीं बेटे, मैं तो बस उसकी एक संतान हूं।"
तभी नन्हे बच्चे ने कहा, "मुझे पता था आपका उससे जरुर कोई रिश्ता हैं।"
* साभार
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