नई दिल्ली। देश भर के आसमान पर बुरी निगाह डालने वालों की खैर नहीं। जल्द ही बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम का पहला फेज कंपलीट होने वाला है। पांच में से तीन परीक्षण हो चुके हैं। दो साल बाद पहले चरण की मिसाइलें तैनात कर दी जाएंगी। इसके बाद बिना इजाजत भारत के आसमान में परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। भारत पर हमला कर दागी गई किसी भी मिसाइल को हवा में ही मार गिराया जाएगा।
डॉ. वी के सारस्वत, चीफ कंट्रोलर, डीआरडीओ कहते हैं कि बादलों के नीचे और ऊपर दोनों जगह भारत की मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली एकदम सटीक काम कर सकती है। इसकी मारक क्षमता 99.8 प्रतिशत तक सटीक है। हम दो साल के अंदर मिसाइल सुरक्षा कवच से लैस होंगे।
भारत ने अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम का ताजा परीक्षण इसी माह किया है। उड़ीसा के समुद्रतट से धनुष मिसाइल ने पल भर में हमलावर मिसाइल को मार गिराया। 2000 किलोमीटर तक की मिसाइल को मार गिराने में देश ने महारत हासिल कर ली है। डीआरडीओ का दावा है कि भारत का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम अमेरिका के पैट्रियाट एयर डिफेंस सिस्टम, इजरायल के एरो-2 और रूस के जमीन से हवा में मार करने वाले एस-300 सिस्टम से कहीं ज्यादा बेहतर है।
2011 के बाद भारत मिसाइल डिफेंस सिस्टम के दूसरे चरण में प्रवेश कर जाएगा। इसमें 6000 किलोमीटर रेंज तक की इंटर कॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को भी मार गियाया जा सकेगा। इसके लिए जिस मिसाइल का इस्तेमाल होगा वो आवाज की गति से 6 गुना ज्यादा रफ्तार से दौड़ेगी यानि इसके बाद भारत का सुरक्षा कवच पूरी तरह से अभेद्य हो जाएगा।
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