चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए नासा की योजना | |
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An image from India's Chandrayaan-1 spacecraft shows the distribution of water-rich minerals around a small crater on the surface of the Moon, 24 Sep 2009 |
नासा के अनुसार शुक्रवार को एक पुराना रॉकेट चंद्रमा के साउथ पोल पर गिरेगा जिसके कारण लूनर धूल का एक विशाल बादल तैयार हो जायेगा.
फिलहाल इस रॉकेट को एक खास उपग्रह से जोड़ा गया है, इस उपग्रह का नाम है लुनार क्रेटर ओबेर्सेर्वेशन एंड सेंसिंग सैटलाईट. रॉकेट के गिरने के बाद यह उपग्रह उसके पीछे जायेगा और बाद में तैयार हुए लुनर धूल के बादल की चिकित्सा करेगा. यह देखने का प्रयास किया जायेगा कि क्या इस बादल में पानी या बरफ मौजूद है.
यह उपग्रह इस टक्कर के ,और बाद में होने वाली हर घटना के चित्र धरती पर नासा के केंद्र में भेजता रहेगा.
नासा का कहना है कि कुछ ही समय में वैज्ञानिकों को इस बात का पता चल जायेगा की क्या चंद्रमा पर पानी मौजूद है.
नासा के अधिकारियों का कहना है कि अगर चंद्रमा पर पानी मौजूद है तो चन्द्र की खोज से जुड़ी योजना को गति प्राप्त होगी. चंद्रमा पर अन्तरिक्ष यात्रियों को दोबारा भेजने की नासा की योजना है.
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