पटना। बिहार के मुंगेरजिले में स्थित सीताकुंड लोक आस्था का प्रतीक बन गया है। किंवदंती है कि यहीं पर सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी। सीताकुंड के आस-पास ही रामकुंड,लक्ष्मणकुंड,भरतकुंडतथा शत्रुघ्नकुंडभी है लेकिन इसे चमत्कार ही कहा जा सकता है कि पांच-छह फुट की दूरी पर स्थित सीताकुंड का पानी तो गरम रहता है जबकि शेष सभी कुंडों का पानी ठंडा रहता है। वैसे वर्ष के चार माह अप्रैल से जुलाई तक सीताकुंड का पानी भी ठंडा हो जाता है। मुंगेरजिला मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर सीताकुंड के विषय में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम को कुम्बांधरऋषि ने सलाह दी थी कि रावण के संहार के बाद आपको ब्राह्मण हत्या का पाप लगा है, इसलिए आप सारे तीर्थस्थलोंका भ्रमण कर इस पाप से मुक्ति पा लें। इसी दौरान राम सपरिवार यहां आकर एक आश्रम में रूकेथे। धार्मिक मान्यताओं पर विश्वास करें तो आश्रम के ऋषियों ने सभी के हाथों से प्रसाद ग्रहण किया था लेकिन सीता के हाथ से प्रसाद ग्रहण नहीं किया। ऐसा रावण द्वारा सीता हरण किए जाने के कारण हुआ। तब सीता ने यहीं पर अग्नि परीक्षा दी थी। इतिहासवेत्ता सुरेन्द्र कुमार शर्मा के अनुसार सीताकुंड के विषय में प्रचलित मान्यतायों पर भक्तिभाव से लोग विश्वास करते आ रहे हैं। इस अलौकिक स्थान पर अनेक खोजें की गयी हैं । सीताकुंड के गरम जल के विषय में रहस्य बना हुआ है। |
Wednesday, February 11, 2009
मुंगेर (बिहार) का सीताकुंड : श्रद्धा और आस्था का तीर्थ
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