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जी.एम.एस. की इस वार्षिक आम-सभा-बैठक(ए.जी.एम) में आपका
स्वागत करते हुए मुझे अपर हर्ष हो रहा है. आशा है कि आज होने वाली कार्यवाही
सद्भाव भरी होगी और समाज के लिए लाभदायक होगी.
गत ए.जी.एम. के पश्चात जी.एम.एस. ने विभिन्न क्षेत्रों में
अनेक कार्य किए, चाहे ये आर्थिक क्षेत्र में थे, वृंदावन और गोवर्धन में नए आश्रम
बनाने के थे, मेरिट को आर्थिक रूप से मज़बूत करके समाज की सेवा करने के थे, विधवाओं
बहनों की सहायता करने के थे,ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने और उच्च
शिक्षा के लिए थे अथवा मेडिकल-सहायता के लिए थे.हमारे लिए यह संतोष की बाट है कि
इन कार्यों की सबने बहुत प्रंशसा की है. हमारे साथ संबंद्ध लोकल मोहयाल सभाओं ने
सर्वोच्च संस्था के आवश्यक अंगों की रूप में अपनी उचित भूमिका निभाई है.हम इसकी
प्रशंसा करते हैं.
गत वर्षों में जी.एमएस.ने अपनी विश्वसनीयता बनाई है, जिस पर
हम सब गर्व कर सकते हैं हमने विभिन्न आश्रम,भवन और इमारतें बने हैं-जैसे मोहयाल
फाउन्डेशन—जो हमारी गतिविधिओं का केद्र है और भविष्य में हम स्वास्थ्य तथा शिक्षा
के क्षेत्र में कार्य करने जा रहे हैं,जो
समय की मांग है. मोहयाल सभा यमुना नगर के सौजन्य से हमारे पास यमुना नगर में भ-खंड
है,जिसका स्थानीय समाज के हित के लिए सदुपयोग किया जाएगा.इसी प्रकार देहरादून में हम सफलतापूर्वक नर्सरी
स्कूल चला रहे हैं.,इसके साथ-साथ हमने
हरिद्वार में प्ले स्कूल आरंभ किया है,जिसे कैम्ब्रिज के सहयोग से पिछड़े
बच्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मॉडल नर्सरी स्कूल में विकसित किया जाएगा.
जी.एम.एस. की वर्तमान गतिविधियों में यह नया अध्याय होगा.
मैंने हमेशा कहा है कि जी.एम.एस.गत कुछ वर्षों में जी.एम.एस.
की आर्थिक स्थिति मज़बूत हुई है और यह अपनी सीमाओं तथा स्रोतों के अनुसार नए
क्षेत्रों में कार्य करने में सक्षम है और
समाज की सेव करने वाले नए –नए क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रस्तावों का स्वागत
करती है.
मेरे सहकर्मी-श्री बी.एल.छिब्बर (उपाध्यक्ष) और श्री
डी.वी.मोहन(महासचिव) आर्थिक रूपरेखा का विवरण प्रस्तुत करेंगे और गत कुछ वर्षों में
किए कार्यों आदि की जानकारी देंगे,आशा है आप इनकी प्रशंसा और अनुमोदन करेंगे.
हमने काफी कुछ कर लिया है, जैसा कहा जाता है कि आकाश कार्य
करने की सीमा होता है, अभी और बहुत कुछ प्राप्त करना शेष है. एकता और संगठन से और
पूरे समाज को प्रगति तथा विकास की दिशा में अग्रसर होकर यह उपलब्धि प्राप्त की जा
सकती है.हमें इस दिशा में हमेशा चलते रहना है.
अंत में मैं आपका यहाँ उपस्थित होने के लिए धन्यवाद करता
हूँ और आशा करता हूँ कि आप विरासत में मिली अपनत्व की भावना से विचार-विमर्श में
भाग लेंगे.
जय मोहयाल !!
बी.डी.बाली
अध्यक्ष,जी.एम.एस.
(अंग्रेज़ी से भावानुवाद--अशोक लव )
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