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मोहयाल-प्रार्थना
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ॐ स्वस्ति! ॐ परम पिता परमात्मा को हमारा प्रेम पूर्वक नमस्कार ! ॐ स्वस्ति ! सभी सुखी हों. सब का कल्याण हो. सबका आपस में प्रेम हो . सब मिल कर अपने समाज की भलाई का विचार करें. सब उसी में अपना भला समझें जिसमें सबका भला हो, हित हो, लाभ हो. मन वचन और कर्म से कोई एक-दूसरे की हानि न करे.सब एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव रखें. दूसरों की बातों को धैर्य और शांतिपूर्वक सुनें. अपनी बातें मधुर शब्दों में कहें. हम नि:स्वार्थ भाव से अपने समाज की भलाई के लिए कार्य करें.
ॐ स्वस्ति! ॐ परम पिता परमात्मा को हमारा प्रेम पूर्वक नमस्कार ! ॐ स्वस्ति ! सभी सुखी हों. सब का कल्याण हो. सबका आपस में प्रेम हो . सब मिल कर अपने समाज की भलाई का विचार करें. सब उसी में अपना भला समझें जिसमें सबका भला हो, हित हो, लाभ हो. मन वचन और कर्म से कोई एक-दूसरे की हानि न करे.सब एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव रखें. दूसरों की बातों को धैर्य और शांतिपूर्वक सुनें. अपनी बातें मधुर शब्दों में कहें. हम नि:स्वार्थ भाव से अपने समाज की भलाई के लिए कार्य करें.
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