Jay Mohyal
Friday, December 23, 2011
विदाई की उदासियाँ
आहटें
सुनाई
देने
लगी
हैं
अब
,
दो
हज़ार
बारह
की
विदाई
की
उदासियाँ
दिख
रही
हैं
,
दो
हज़ार
ग्यारह
की
।
--
अशोक
लव
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