बलात्कारियों से सामना करके आत्म-सम्मान के लिए
संघर्ष करने वाली ,भारतीय समाज को झकझोर देने वाली, दिल्ली पुलिस की
अकर्मण्यता को उजागर करने वाली युवती अब हमारे मध्य नहीं रही.आज 29 दिसंबर 2012 को प्रातः
2:15 बजे उसने अंतिम साँसें लीं. इसके साथ ही वह भारतीय समाज के समक्ष अनेक
प्रश्न छोड़ गई है. देखना यह है कि क्या यह मार्मिक बलिदान समाज को कोई
सार्थक दिशा देगा?
नम आँखों से विनम्र श्रद्धांजलि !
नम आँखों से विनम्र श्रद्धांजलि !
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