'मोहयाल मित्र ' हिंदी के संपादक के रूप में कार्य करते हुए पच्चीस वर्ष हो गए हैं.जुलाई 1987के अंक से कार्य शुरू किया था और जुलाई 2012 के अंक के साथ पच्चीस वर्ष हो गए. 'जनरल मोहयाल सभा ' मोहयालों की सामाजिक संस्था है. किसी सामाजिक संस्था के साथ अवैतनिक रूप से इतने वर्ष कार्य करना उपलब्धि के सामान है. इस पत्रिका का आरंभ सन 1891 से हुआ था. इसका नाम भारत की सबसे पुरानी प्रकशित होने वाली पत्रिका के रूप में ' लिमका बुक ऑफ रिकार्ड्स ' में सन 2009 में दर्ज हुआ था. इस पत्रिका के पच्चीस वर्ष तक निरंतर संपादक बने रहने का यह रिकार्ड है. सुखद लगता है.
* यह चित्र बंटी बाली (संजीव बाली ) के सौजन्य से
* यह चित्र बंटी बाली (संजीव बाली ) के सौजन्य से
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