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"लोहड़ी का सुन्दर पंजाबी लोक गीत -सुन्दर-मुंदरिये"आप का धन्यवाद ||
बहुत सुन्दर बचपन की यादें ताजा हो गईं हम लोग इसमें एक लाइन तब और बोलते थे जब कोई लकड़ी नहीं देता था - हुक्के पे हुक्का ये घर भुक्खा।
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ReplyDeleteआप का धन्यवाद ||
बहुत सुन्दर बचपन की यादें ताजा हो गईं हम लोग इसमें एक लाइन तब और बोलते थे जब कोई लकड़ी नहीं देता था - हुक्के पे हुक्का ये घर भुक्खा।
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