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Monday, April 25, 2011

गुर्दे की पथरी का इलाज : Kidney Stone


गुर्दे की पथरी सामान्यतया महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों को अधिक होती है । यह 30 से 40 साल के व्यक्‍तियों को होती है, जिनका उपापचय ठीक न रहने से मूत्र में आक्जेलेट, यूरेट तथा फास्फेट अधिक आते हैं । जो व्यक्‍ति गर्मी में श्रम अधिक करते हैं और पानी कम पीते हैं । वह इस बीमारी के शिकार होते हैं ।

लक्षण :-

* मूत्र परीक्षण में यदि एलब्यूमिन और सूक्ष्म मात्रा में रक्‍त मिले ।
* वृक्‍क प्रदेश में चुभन जैसा हल्का दर्द बना रहता है ।
* रोगी का रंग फीका पड़ जाता है । उल्टी भी होती है ।
* रोगी का तापक्रम सामान्य से कम तथा नाड़ी नीली व तेज हो जाती है ।
* गुर्दे में दर्द दो-तीन मिनट तक रहता है । इसके बाद पथरी फिसल कर अपने पूर्व स्थान पर आ जाने के कारण दर्द सहसा शांत हो जाता है ।


पथरी का घरेलू उपचार

* पथरचटा, जिसे अजूबा भी कहते हैं, इसे घर पर गमले में लगा सकते हैं । इसकी एक पत्ती प्रतिदिन चबाकर खाने से धीरे-धीरे पथरी कटकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है ।
* एक गिलास गुनगुने जल में एक चम्मच ग्लिसरीन तथा एक नींबू डालकर प्रतिदिन पिए । दवा से कटे पथरी के टुकड़े बिना कष्ट दिए मूत्र के साथ बाहर निकल जाएंगे ।

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