भगवान शिव ने जब विष पीया तो उसको गले मैं रखा और इस दुनिया को कह दिया की दुनिया की कड़वाहट को पी जाना , पर कड़वाहट को पीकर गले तक ही रखना ,गले से नीचे नहीं उतरनेदेना .दिल तक नहीं पहुँचने देना .दुनिया की बातें दिल को लगाने के लिए नहीं है !अगर दिल पर लगाकर बैठ गए तो खुद का जीना मुश्किल हों जाएगा !और अगर कड़वाहट को मुख से बाहर उगल दिया तो दूसरों के लिए परशानी खड़ी हों जाएगी।
No comments:
Post a Comment