Tuesday, August 25, 2009

उम्र को बढने न देने के टिप्स


Seven Anti-Aging Tips

*If your aim is to be lively and robust in your 80s and 90s, you'll need to learn some anti-aging secrets. Here are some anti-aging tips that are the most frequently touted anti-aging techniques.
* Eat a diet low in fat, high in complex carbohydrates. The standard advice from the US government is to consume 5 fruits and vegetables and 3 servings of whole grains daily for vitamins and minerals and the other healthful micronutrients in plants. Drink five to eight 8-oz. glasses of water. Get no more than about 30-35 percent of daily calories from fat, with about 20 percent of that from unsaturated fat (e.g., 1 percent milk, olive and canola oil); 15 percent from protein; and the remaining calories from carbohydrates, with an emphasis on complex carbohydrates like oatmeal, whole wheat bread and wild rice.

* Build endurance and strength with exercise. Regular aerobic exercise is a "must-do" for anyone committed to slowing the aging process, agree experts. Hundreds of studies show that exercise combats the loss of stamina, muscle strength, balance, and bone density that increases with age. The American Heart Association advises doing a single set of eight to 15 repetitions, using eight to 10 exercises, two to three times a week for a comprehensive strength-building program. If you are not a beginner, that's about a 10-minute routine.

* Maximize Your Intake of Antioxidants. The evidence is "incontrovertible" and bears repeating, says Dr. Jeffrey Blumberg of Tufts University. Free radicals contribute to the onset of age-related diseases and antioxidants "neutralize" free radicals. Everyone should "take a combination of antioxidants" through diet and supplementation, he asserts. Blumberg advises eating dark-colored vegetables like tomatoes, carrots, squash, and spinach for carotenoids and blue and purple berries for flavonoids. Because foods contain many classes of antioxidants that work synergistically, they are the superior source of antioxidants, says Blumberg. But because we don't always eat as we should, Blumberg advocates taking daily supplements of the "classic" antioxidants: 200-250 mg of vitamin C; 100-400 IU of vitamin E; and a mixed carotenoid supplement of 6-10 mg. "I always tell people that taking antioxidants is 'like driving with a seatbelt,'" says Blumberg. They can protect you're life, but they are not "a license to drive recklessly."

* Use Renova to Reduce Wrinkles. Unless you have been hyper-vigilant about shielding yourself from the sun since you were knee high, the signs of aging skin — fine lines, wrinkles, brown spots — are likely to emerge by the time you enter your fourth decade. "Ninety-five percent of wrinkles are due to sun exposure," says Doris Day, M.D., assistant clinical professor of dermatology at New York University Medical Center. Happily, there is a real wrinkle eraser. Renova is the only FDA-approved prescription cream proven to reduce fine lines and wrinkles, fade brown spots, and smooth skin tone. The vitamin A derivative exfoliates the skin and increases the production of collagen. Renova "works really well as an anti-wrinkle cream. It even works in some people who have early signs of sun damage and early signs of skin cancer," says Day. It comes in a concentration of 0.02 percent and 0.05 percent so just about everyone can tolerate it. Using Renova will cost you about $10 to $15 a month.
* Cutting-Edge Options for Aging Skin. Turn back the clock on aging skin. You have a wide spectrum of options that fall short of surgery to restore your youthful appearance, ranging from exfoliation to dermabrasion to laser resurfacing. For details on each one and how they work, visit our Plastic Surgery Center.
* Restore Your Hormones to Youthful Levels. Loss of energy, libido and stamina are the symptoms that usually drive patients into the waiting rooms of anti-aging doctors. They're also the "classic" symptoms of declining hormone levels and the reason hormone-replacement therapy is the no. 1 weapon in the arsenal of anti-aging medicine. Production of estrogen, progesterone and testosterone in women and testosterone in men decreases rapidly after age 35, says Nadu Tuakli, M.D. of the Anti-Aging and Longevity Institute in Baltimore. Anti-aging physician Richard LeConde, who prescribes testosterone for his female patients, notes a dramatic improvement in their well being not seen with estrogen and progesterone alone. It definitely "produces an awakening in men," but most of the women for whom I add testosterone "refuse to give it up."
* Human Growth Hormone: The Ultimate Anti-Aging Therapy? Though controversial and only within the reach of those willing to shell out up to $300 a month, human growth hormone (HGH) is the "best treatment we currently have for preserving vitality until the end of your normal genetic lifespan," says LeConde, who at age 52 has been injecting himself daily with HGH for the past 5 years. The 30-gauge, one-quarter inch needle he adds, is a "very low obstacle" for his patients, most of whom are over age 50 and report reduced body fat, increased muscle tone, enhanced sexual performance, elevated mood and firmer skin from HGH treatments.

HGH has been approved by the FDA to treat adult growth human deficiency but not as a routine anti-aging therapy. That will take tens of years because "everyone is a candidate for HGH," says LeConde. In the meantime, "those of us over 50 can't wait for the FDA to approve one of the safest, most effective interventions we have."

Saturday, August 22, 2009

मन में मनमोहन / अशोक लव



मन में मनमोहन को बसा लें तो यह संसार कृष्णमय हो जाता है. आनंद ही आनंद ! मन को मोह लेने वाले मनमोहन की बाँसुरी की गूँज हृदय के प्रत्येक कोने को मंत्रमुग्ध कर अलौकिक आनंद में डुबा लेती है. न चिंता , न मोहमाया , न ईर्ष्या , न द्वेष ! बस कृष्ण ही कृष्ण ! मनमोहन ही मनमोहन !
मन जब कृष्णमय हो जाएगा फिर संसार के प्रति दृष्टिकोण ही बदल जाएगा. संसार की सारहीनता सामने आ जाएगी . मन न भटकेगा , न कहीं अटकेगा , सब आनंदमय लगेगा , कुछ नहीं खटकेगा. मीरा के समान- " मैं श्याम की मेरे श्याम ! इस संसार से अब क्या काम ! " न धन एकत्र करने की चाह , न यश की चाह ! न अपेक्षाएँ , न उपेक्षाओं की पीड़ाएं ! बस प्रेम ही प्रेम ! मन को गोपी बना लें और श्री कृष्ण की रट लगा लें . मन कृष्ण की रासलीला का अंग बना नहीं कि सब कुछ बदल जाएगा. सांसारिक वासनामय लीलाओं से मुक्ति मिल जाएगी . सांसारिक आकर्षणों से मुक्त हुए नहीं कि मनमोहन में मन आसक्त हो जाएगा. उस मनमोहन की शरण में पहुँच गए तो फिर काहे की भटकन.
पहले मन को नियंत्रित करना पड़ेगा. संसार की सारहीनता को समझना पड़ेगा. मन को वृन्दावन बनाना पड़ेगा. कृष्ण तभी तो मन-वृन्दावन में अवतरित होंगे.
चल रे मन अब कृष्ण की शरण ! बसा ले मन में मनमोहन !

श्रीशिव चालीसा


अज अनादि अविगत अलख, अकल अतुल अविकार।

बंदौं शिव-पद-युग-कमल अमल अतीव उदार॥

आर्तिहरण सुखकरण शुभ भक्ति -मुक्ति -दातार।

करौ अनुग्रह दीन लखि अपनो विरद विचार॥

पर्यो पतित भवकूप महँ सहज नरक आगार।

सहज सुहृद पावन-पतित, सहजहि लेहु उबार॥

पलक-पलक आशा भर्यो, रह्यो सुबाट निहार।

ढरौ तुरन्त स्वभाववश, नेक न करौ अबार॥

जय शिव शङ्कर औढरदानी। जय गिरितनया मातु भवानी॥

सर्वोत्तम योगी योगेश्वर। सर्वलोक-ईश्वर-परमेश्वर॥

सब उर प्रेरक सर्वनियन्ता। उपद्रष्टा भर्ता अनुमन्ता॥

पराशक्ति -पति अखिल विश्वपति। परब्रह्म परधाम परमगति॥

सर्वातीत अनन्य सर्वगत। निजस्वरूप महिमामें स्थितरत॥

अंगभूति-भूषित श्मशानचर। भुजंगभूषण चन्द्रमुकुटधर॥

वृषवाहन नंदीगणनायक। अखिल विश्व के भाग्य-विधायक॥

व्याघ्रचर्म परिधान मनोहर। रीछचर्म ओढे गिरिजावर॥

कर त्रिशूल डमरूवर राजत। अभय वरद मुद्रा शुभ साजत॥

तनु कर्पूर-गोर उज्ज्वलतम। पिंगल जटाजूट सिर उत्तम॥

भाल त्रिपुण्ड्र मुण्डमालाधर। गल रुद्राक्ष-माल शोभाकर॥

विधि-हरि-रुद्र त्रिविध वपुधारी। बने सृजन-पालन-लयकारी॥

तुम हो नित्य दया के सागर। आशुतोष आनन्द-उजागर॥

अति दयालु भोले भण्डारी। अग-जग सबके मंगलकारी॥

सती-पार्वती के प्राणेश्वर। स्कन्द-गणेश-जनक शिव सुखकर॥

हरि-हर एक रूप गुणशीला। करत स्वामि-सेवक की लीला॥

रहते दोउ पूजत पुजवावत। पूजा-पद्धति सबन्हि सिखावत॥

मारुति बन हरि-सेवा कीन्ही। रामेश्वर बन सेवा लीन्ही॥

जग-जित घोर हलाहल पीकर। बने सदाशिव नीलकंठ वर॥

असुरासुर शुचि वरद शुभंकर। असुरनिहन्ता प्रभु प्रलयंकर॥

नम: शिवाय मन्त्र जपत मिटत सब क्लेश भयंकर॥

जो नर-नारि रटत शिव-शिव नित। तिनको शिव अति करत परमहित॥

श्रीकृष्ण तप कीन्हों भारी। ह्वै प्रसन्न वर दियो पुरारी॥

अर्जुन संग लडे किरात बन। दियो पाशुपत-अस्त्र मुदित मन॥

भक्तन के सब कष्ट निवारे। दे निज भक्ति सबन्हि उद्धारे॥

शङ्खचूड जालन्धर मारे। दैत्य असंख्य प्राण हर तारे॥

अन्धकको गणपति पद दीन्हों। शुक्र शुक्रपथ बाहर कीन्हों॥

तेहि सजीवनि विद्या दीन्हीं। बाणासुर गणपति-गति कीन्हीं॥

अष्टमूर्ति पंचानन चिन्मय। द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग ज्योतिर्मय॥

भुवन चतुर्दश व्यापक रूपा। अकथ अचिन्त्य असीम अनूपा॥

काशी मरत जंतु अवलोकी। देत मुक्ति -पद करत अशोकी॥

भक्त भगीरथ की रुचि राखी। जटा बसी गंगा सुर साखी॥

रुरु अगस्त्य उपमन्यू ज्ञानी। ऋषि दधीचि आदिक विज्ञानी॥

शिवरहस्य शिवज्ञान प्रचारक। शिवहिं परम प्रिय लोकोद्धारक॥

इनके शुभ सुमिरनतें शंकर। देत मुदित ह्वै अति दुर्लभ वर॥

अति उदार करुणावरुणालय। हरण दैन्य-दारिद्रय-दु:ख-भय॥

तुम्हरो भजन परम हितकारी। विप्र शूद्र सब ही अधिकारी॥

बालक वृद्ध नारि-नर ध्यावहिं। ते अलभ्य शिवपद को पावहिं॥

भेदशून्य तुम सबके स्वामी। सहज सुहृद सेवक अनुगामी॥

जो जन शरण तुम्हारी आवत। सकल दुरित तत्काल नशावत॥

दोहा

बहन करौ तुम शीलवश, निज जनकौ सब भार।

गनौ न अघ, अघ-जाति कछु, सब विधि करो सँभार॥

तुम्हरो शील स्वभाव लखि, जो न शरण तव होय।

तेहि सम कुटिल कुबुद्धि जन, नहिं कुभाग्य जन कोय॥

दीन-हीन अति मलिन मति, मैं अघ-ओघ अपार।

कृपा-अनल प्रगटौ तुरत, करो पाप सब छार॥

कृपा सुधा बरसाय पुनि, शीतल करो पवित्र।

राखो पदकमलनि सदा, हे कुपात्र के मित्र॥

आरतियाँ इस तरह करें


पूजा के अंत में हम सभी भगवान की आरती करते हैं। आरती के दौरान कई सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। इन सबका विशेष अर्थ होता है। ऐसी मान्यता है कि न केवल आरती करने, बल्कि इसमें शामिल होने पर भी बहुत पुण्य मिलता है। किसी भी देवता की आरती करते समय उन्हें 3बार पुष्प अर्पित करें। इस दरम्यान ढोल, नगाडे, घडियाल आदि भी बजाना चाहिए।
एक शुभ पात्र में शुद्ध घी लें और उसमें विषम संख्या [जैसे 3,5या 7]में बत्तियां जलाकर आरती करें। आप चाहें, तो कपूर से भी आरती कर सकते हैं। सामान्य तौर पर पांच बत्तियों से आरती की जाती है, जिसे पंच प्रदीप भी कहते हैं। आरती पांच प्रकार से की जाती है। पहली दीपमाला से, दूसरी जल से भरे शंख से, तीसरा धुले हुए वस्त्र से, चौथी आम और पीपल आदि के पत्तों से और पांचवीं साष्टांग अर्थात शरीर के पांचों भाग [मस्तिष्क, दोनों हाथ-पांव] से। पंच-प्राणों की प्रतीक आरती हमारे शरीर के पंच-प्राणों की प्रतीक है। आरती करते हुए भक्त का भाव ऐसा होना चाहिए, मानो वह पंच-प्राणों की सहायता से ईश्वर की आरती उतार रहा हो। घी की ज्योति जीव के आत्मा की ज्योति का प्रतीक मानी जाती है। यदि हम अंतर्मन से ईश्वर को पुकारते हैं, तो यह पंचारतीकहलाती है। सामग्री का महत्व आरती के दौरान हम न केवल कलश का प्रयोग करते हैं, बल्कि उसमें कई प्रकार की सामग्रियां भी डालते जाते हैं। इन सभी के पीछे न केवल धार्मिक, बल्कि वैज्ञानिक आधार भी हैं।कलश-कलश एक खास आकार का बना होता है। इसके अंदर का स्थान बिल्कुल खाली होता है। कहते हैं कि इस खाली स्थान में शिव बसते हैं।यदि आप आरती के समय कलश का प्रयोग करते हैं, तो इसका अर्थ है कि आप शिव से एकाकार हो रहे हैं। किंवदंतिहै कि समुद्र मंथन के समय विष्णु भगवान ने अमृत कलश धारण किया था। इसलिए कलश में सभी देवताओं का वास माना जाता है।
जल-जल से भरा कलश देवताओं का आसन माना जाता है। दरअसल, हम जल को शुद्ध तत्व मानते हैं, जिससे ईश्वर आकृष्ट होते हैं।नारियल- आरती के समय हम कलश पर नारियल रखते हैं। नारियल की शिखाओं में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार पाया जाता है। हम जब आरती गाते हैं, तो नारियल की शिखाओं में मौजूद ऊर्जा तरंगों के माध्यम से कलश के जल में पहुंचती है। यह तरंगें काफी सूक्ष्म होती हैं।सोना- ऐसी मान्यता है कि सोना अपने आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है। सोने को शुद्ध कहा जाता है।यही वजह है कि इसे भक्तों को भगवान से जोडने का माध्यम भी माना जाता है।तांबे का पैसा- तांबे में सात्विक लहरें उत्पन्न करने की क्षमता अधिक होती है। कलश में उठती हुई लहरें वातावरण में प्रवेश कर जाती हैं। कलश में पैसा डालना त्याग का प्रतीक भी माना जाता है। यदि आप कलश में तांबे के पैसे डालते हैं, तो इसका मतलब है कि आपमें सात्विक गुणों का समावेश हो रहा है।
सप्तनदियोंका जल-गंगा, गोदावरी,यमुना, सिंधु, सरस्वती, कावेरीऔर नर्मदा नदी का जल पूजा के कलश में डाला जाता है। सप्त नदियों के जल में सकारात्मक ऊर्जा को आकृष्ट करने और उसे वातावरण में प्रवाहित करने की क्षमता होती है। क्योंकि ज्यादातर योगी-मुनि ने ईश्वर से एकाकार करने के लिए इन्हीं नदियों के किनारे तपस्या की थी। सुपारी और पान- यदि हम जल में सुपारी डालते हैं, तो इससे उत्पन्न तरंगें हमारे रजोगुण को समाप्त कर देते हैं और हमारे भीतर देवता के अच्छे गुणों को ग्रहण करने की क्षमता बढ जाती है। पान की बेल को नागबेलभी कहते हैं।नागबेलको भूलोक और ब्रह्मलोक को जोडने वाली कडी माना जाता है। इसमें भूमि तरंगों को आकृष्ट करने की क्षमता होती है। साथ ही, इसे सात्विक भी कहा गया है। देवता की मूर्ति से उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा पान के डंठल द्वारा ग्रहण की जाती है।
तुलसी-आयुर्र्वेद में तुलसी का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। अन्य वनस्पतियों की तुलना में तुलसी में वातावरण को शुद्ध करने की क्षमता अधिक होती है।

शिव खोड़ी में भगवान शंकर


पुराणों में शिव खोडीगुफाका उल्लेख किया गया है। मान्यता है कि एक भक्त ने शिव को प्रसन्न करने के लिए बडी तपस्या की। उसकी तपस्या का उद्देश्य शिव को प्रसन्न कर अपने लिए अमरत्व प्राप्त करना था।

शिव ने प्रसन्न होकर उससे वर मांगने के लिए कहा। उसने वरदान मांगा कि तीनों लोकों में मेरा कोई शत्रु न बचे। मैं जिसके सिर पर हाथ रखूं, वह तुरंत भस्म हो जाए। शिव के तथास्तु कहते ही वह शिव भक्त भस्मासुर हो गया। छिपना पडा शिव को एक कथा के अनुसार, भस्मासुर शिव की त्रिकाल शक्तियों से परिचित था, इसलिए वह सबसे पहले शिव को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे दौडा। भस्मासुर और शिव के बीच भयंकर युद्ध हुआ। इसलिए इस जगह का नाम पड गया रनसू[रणसू]। युद्ध में शंकर जी भस्मासुर को परास्त नहीं कर पाए और अपनी जान बचाने के लिए एक पहाड की ओर दौड पडे। विशाल पहाड को खोदते [बीच में से दो फाड करते] हुए उन्होंने एक गुफाबना ली और उसमें छुप कर बैठ गए। यही गुफाआज शिव खोडी[खोड] के नाम से प्रसिद्ध है। मोहिनी बने विष्णु कथा के अनुसार, उस समय समुद्र मंथन हो रहा था। देवताओं के हित के लिए विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर लिया था। शिवजी ने उन्हें अपनी रक्षा के लिए पुकारा। मोहिनी रूप धरे विष्णु जब उस गुफाके बाहर पहुंचे, तो भस्मासुर उन पर मोहित हो गया और उनके सामने शादी का प्रस्ताव पेश कर दिया। इस पर मोहिनी बने विष्णु ने उसे अपनी ही तरह नृत्य करने के लिए कहा।

मदमस्त भस्मासुर मोहिनी के इशारों पर नाचने लगा। नाचते-नाचते उसने नृत्य की एक मुद्रा में अपना हाथ अपने सिर के ऊपर रख दिया। शिव से मिले वरदान के कारण वह तुरंत भस्म हो गया। कैसे पहुंचें रनसूपहुंचने के लिए जम्मू से 127किलोमीटर या फिर कटडा से 75किलोमीटर का सफर तय करना पडता है। इसके लिए बसें और निजी टैक्सियां आसानी से उपलब्ध होती हैं। रनसूके बाद 4किलोमीटर की आसान चढाई पैदल ही तय करनी होती है। यह चढाई शिव खोडीगुफाके प्रवेश द्वार पर खत्म होती है।

लगभग आधा किलोमीटर की तंग सुरंग को पार करने के बाद हम गुफाके भीतर पहुंच पाते हैं। गुफामें शिव परिवार की पिंडियांमौजूद हैं। इन सभी पर पहाड से बूंद-बूंद कर जल टपकता रहता है। उनके साथ राम-सीता, पांचों पांडवों, सप्त ऋषि भी पिंडियोंके रूप में मौजूद हैं। पहाड का आकार कटोरे की तरह है, जिसमें लगातार जल गिरता रहता है। खास बात यह है कि शिव खोडीगुफाअंतहीनहै।

Tuesday, August 18, 2009

रिसेशन की मार ; शिकागो बंद





Chicago resident: "It's a huge inconvenience"

Public services in the US city of Chicago have been shut down for a day as the authorities face an expected budget shortfall of some $300m (£184m).

Non-essential services such as rubbish collections, libraries and health centres were closed, in the first of three planned reduced service days.

City authorities hope the move, with workers taking an enforced unpaid holiday, will save an estimated $8.3m.

Other cities in the US have already introduced similar measures.

The savings from Chicago's reduced service days are small compared with the overall deficit.

But in a statement last week, Chicago's Mayor Richard M Daley thanked state employees for their "sacrifice".

"Every dollar we save from these measures helps to save jobs, and in the long-term, maintain service for Chicagoans," he said.

"This plan engages most civilian employees to accept cuts and to be part of the solution to our budget crisis."

Two more reduced service days have been scheduled - one for 27 November, the day after Thanksgiving and another for Christmas Eve, 24 December.

Workers have also been asked to take a series of unpaid days off and holidays without salary.

Chicago is one of a number of US cities and states to introduce closures and furlough days to address deficits.

In California, which has a budget deficit of some $24.3bn (£14.5bn) and has declared a fiscal emergency, state offices have been ordered to close for three days each month.

Michigan has said it will not pay its state employees on six days up to the end of September, to save nearly $22m.

Sunday, August 16, 2009

अमेरिका में स्वाइन फ्लू से मौतों का रहस्य

Swine flu jab link to killer nerve disease: Leaked letter reveals concern of neurologists over 25 deaths in America

By Jo Macfarlane
Last updated at 11:05 PM on 15th August 2009



Prevention: Is the swine flu jab safe?

A warning that the new swine flu jab is linked to a deadly nerve disease has been sent by the Government to senior neurologists in a confidential letter.

The letter from the Health Protection Agency, the official body that oversees public health, has been leaked to The Mail on Sunday, leading to demands to know why the information has not been given to the public before the vaccination of millions of people, including children, begins.

It tells the neurologists that they must be alert for an increase in a brain disorder called Guillain-Barre Syndrome (GBS), which could be triggered by the vaccine.

GBS attacks the lining of the nerves, causing paralysis and inability to breathe, and can be fatal.

The letter, sent to about 600 neurologists on July 29, is the first sign that there is concern at the highest levels that the vaccine itself could cause serious complications.

It refers to the use of a similar swine flu vaccine in the United States in 1976 when:

* More people died from the vaccination than from swine flu.
* 500 cases of GBS were detected.
* The vaccine may have increased the risk of contracting GBS by eight times.
* The vaccine was withdrawn after just ten weeks when the link with GBS became clear.
* The US Government was forced to pay out millions of dollars to those affected.

Concerns have already been raised that the new vaccine has not been sufficiently tested and that the effects, especially on children, are unknown.

It is being developed by pharmaceutical companies and will be given to about 13million people during the first wave of immunisation, expected to start in October.

Top priority will be given to everyone aged six months to 65 with an underlying health problem, pregnant women and health professionals.

The British Neurological Surveillance Unit (BNSU), part of the British Association of Neurologists, has been asked to monitor closely any cases of GBS as the vaccine is rolled out.

One senior neurologist said last night: ‘I would not have the swine
flu jab because of the GBS risk.’

There are concerns that there could be a repeat of what became known as the ‘1976 debacle’ in the US, where a swine flu vaccine killed 25 people – more than the virus itself.

A mass vaccination was given the go-ahead by President Gerald Ford because scientists believed that the swine flu strain was similar to the one responsible for the 1918-19 pandemic, which killed half a million Americans and 20million people worldwide.

Swine flu vaccines being prepared

The swine flu vaccine being offered to children has not been tested on infants

Within days, symptoms of GBS were reported among those who had been immunised and 25 people died from respiratory failure after severe paralysis. One in 80,000 people came down with the condition. In contrast, just one person died of swine flu.

More than 40million Americans had received the vaccine by the time the programme was stopped after ten weeks. The US Government paid out millions of dollars in compensation to those affected.

The swine flu virus in the new vaccine is a slightly different strain from the 1976 virus, but the possibility of an increased incidence of GBS remains a concern.

Shadow health spokesman Mike Penning said last night: ‘The last thing we want is secret letters handed around experts within the NHS. We need a vaccine but we also need to know about potential risks.

‘Our job is to make sure that the public knows what’s going on. Why
is the Government not being open about this? It’s also very worrying if GPs, who will be administering the vaccine, aren’t being warned.’

Two letters were posted together to neurologists advising them of the concerns. The first, dated July 29, was written by Professor Elizabeth Miller, head of the HPA’s Immunisation Department.

It says: ‘The vaccines used to combat an expected swine influenza pandemic in 1976 were shown to be associated with GBS and were withdrawn from use.

‘GBS has been identified as a condition needing enhanced surveillance when the swine flu vaccines are rolled out.

‘Reporting every case of GBS irrespective of vaccination or disease history is essential for conducting robust epidemiological analyses capable of identifying whether there is an increased risk of GBS in defined time periods after vaccination, or after influenza itself, compared with the background risk.’

The second letter, dated July 27, is from the Association of British Neurologists and is written by Dr Rustam Al-Shahi Salman, chair of its surveillance unit, and Professor Patrick Chinnery, chair of its clinical research committee.

Read more: http://www.dailymail.co.uk/news/article-1206807/Swine-flu-jab-link-killer-nerve-disease-Leaked-letter-reveals-concern-neurologists-25-deaths-America.html#ixzz0OJsOwkSH

Friday, August 14, 2009

ओबामा का जन्म


Obama's aunt: The president was born in Hawaii

(AP) – 4 hours ago
14 August 2009
CLEVELAND — President Barack Obama's aunt says he was born in Hawaii and she can't understand claims that he's not a natural-born American citizen.

Zeituni Onyango (zay-TUH'-nee awn-YAHN'-goh) says in an interview with WKYC-TV in Cleveland the president's late mother didn't give birth in Kenya.

Some Americans known as birthers claim Obama was born outside the United States and is ineligible to be president.

Onyango is the half-sister of Obama's late father. She has been living illegally in the U.S. and is fighting deportation. She had been staying with relatives in Cleveland but moved to Boston in December. It's unclear where she lives now.

She declined to discuss her Feb. 4 immigration hearing in Boston.

A spokesman for her lawyer in Cleveland had no comment on the interview Thursday.

Information from: WKYC-TV, http://www.wkyc.com

Thursday, August 13, 2009

श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर बधाई

bhagwan shree krishan ke janm-din 14 august par badhai!


टिप्स फॉर बेटर लाइफ / अशोक मेहता

1. Take a 10-30 minutes walk every day. And while you walk, smile.
2. Sit in silence for at least 10 minutes each day.
3. Sleep for 7 hours.
4. Live with the 3 E's -- Energy, Enthusiasm, and Empathy.
5. Play more games.
6. Read more books than you did in 2007.
7. Make time to practice meditation, yoga, and prayer. They provide us with daily fuel for our busy lives.
8. Spend time with people over the age of 70 & under the age of 6.
9. Dream more while you are awake.
10. Eat more foods that grow on trees and plants and eat less food that is manufactured in plants.
11. Drink plenty of water.
12. Try to make at least three people smile each day.
13. Don't waste your precious energy on gossip.
14. Forget issues of the past. Don't remind your partner with his/her mistakes of the past. That will ruin your present happiness.
15. Don't have negative thoughts or things you cannot control. Instead invest your energy in the positive present moment.
16. Realize that life is a school and you are here to learn. Problems are simply part of the curriculum that appear and fade away like algebra class but the lessons you learn will last a lifetime.
17. Eat breakfast like a king, lunch like a prince and dinner like a beggar.
18. Smile and laugh more.
19. Life is too short to waste time hating anyone. Don't hate others.
20. Don't take yourself so seriously. No one else does.
21. You don't have to win every argument. Agree to disagree.
22. Make peace with your past so it won't spoil the present.
23. Don't compare your life to others'. You have no idea what their journey is all about. Don't compare your partner with others.
24. No one is in charge of your happiness except you.
25. Forgive everyone for everything.
26.. What other people think of you is none of your business.
27. However good or bad a situation is, it will change.
28. Your job won't take care of you when you are sick. Your friends will. Stay in touch.
29. Get rid of anything that isn't useful, beautiful or joyful.
30. Envy is a waste of time. You already have all you need.
31. The best is yet to come.
32. No matter how you feel, get up, dress up and show up.
33. Do the right thing!
34. Call your family often.
35. Your inner most is always happy. So be happy.
36. Each day give something good to others.
37. Don't over do. Keep your limits.

Saturday, August 8, 2009

देश में थम नहीं रही छंटनी



नई दिल्ली। देश में छंटनी थमने का नाम नहीं ले रही है। चालू वित्त वर्ष 2009-10 के पहले तीन महीनों यानी अप्रैल-जून के दौरान एक लाख 31 हजार नौकरियां मंदी की भेंट चढ़ गई हैं। श्रम ब्यूरो के सर्वे से यह खुलासा हुआ है। यह अलग बात है कि सरकार इसके लिए मंदी को जिम्मेदार नहीं मान रही है। जिन तीन निर्यात आधारित क्षेत्रों-कपड़ा,आईटी- बीपीओ और रत्न व आभूषण पर छंटनी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है, वही ग्लोबल मंदी से सर्वाधिक प्रभावित रहे हैं।

यह सर्वे 10 राज्यों के 21 केंद्रों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है। इनमें हरियाणा के फरीदाबाद व गुड़गांव, उत्तर प्रदेश के नोएडा, कानपुर व आगरा और पंजाब के लुधियाना व जालंधर के अलावा दिल्ली तथा चंडीगढ़ भी शामिल हैं।

सर्वे के मुताबिक इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान ठेके वाले कामगारों की स्थिति बेहतर रही। इस दौरान ठेका मजदूरों के लिए रोजगार के 40 हजार अवसर बढ़ गए। वहीं इस दौरान एक लाख 71 हजार नियमित कर्मियों ने अपनी नौकरियां गंवा दीं।

अकेले कपड़ा क्षेत्र में एक लाख 52 हजार लोग बेरोजगार हुए। आईटी-बीपीओ क्षेत्र में कार्यरत 48 हजार की रोजी-रोटी छिन गई, वहीं रत्न व आभूषण उद्योग में 23 हजार कर्मियों को निकाल दिया गया।

निर्यात यूनिटों के बुरे हाल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहली तिमाही के दौरान इनके एक लाख 67 हजार कर्मचारी छंटनी के शिकार हुए। वहीं इस दौरान गैर-निर्यात क्षेत्र में 35 हजार लोगों को नौकरी पर रखा गया। अब इन आंकड़ों को महीने के हिसाब से अलग-अलग कर देखिए। अप्रैल में 38 हजार लोग बेरोजगार हुए, जबकि मई में एक लाख 57 हजार लोगों की छंटनी हुई। हालांकि जून में नौकरियों में 64 हजार का इजाफा हुआ।

श्रम ब्यूरो ने इससे पहले अक्टूबर -दिसंबर, 08 की तिमाही में ऐसा ही एक सर्वेक्षण किया था। इस तिमाही में कुल 5 लाख लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। इसके बाद जनवरी से मार्च, 09 के दौरान हुए सर्वे ने रोजगार में 2.77 लाख का इजाफा होने की बात कही थी।

ब्लड प्रेशर कम करता है चुकंदर

चुकंदर का स्वाद बहुत कम लोगों को भाता है लेकिन इसका जूस सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। इससे काफी ऊर्जा मिलती है। आप इसे पीकर बिना थके लंबे समय तक व्यायाम कर सकते हैं। प्रतिदिन चुकंदर का एक कप जूस ब्लड प्रेशर को कम करता है और दिल के लिए भी फायदेमंद है। एक नए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।

जर्नल आफ एप्लायड फिजियोलाजी की रिपोर्ट के मुताबिक, जूस के प्रभाव का असर देखने के लिए आठ स्वस्थ पुरुषों का चयन किया गया। इन्हें नियमित रूप से साइकिल चलाने को कहा गया। छह दिनों तक इन सभी को रोजाना चुकंदर का एक गिलास जूस दिया गया। उनसे धीरे-धीरे साइकिल चलाने को कहा गया। इस दौरान पाया गया कि इन लोगों ने कम आक्सीजन ली। इससे निष्कर्ष निकाला गया कि कम ऊर्जा खर्च करके मांसपेशियां उतना ही काम कर रही हैं। इससे सहनशक्ति 16 फीसदी बढ़ जाती है। यानी जो रोज एक घंटे की जागिंग करता है वो दस मिनट अधिक करने में सक्षम है। या फिर उतनी ही दूरी को ज्यादा तेजी से कम समय में तय कर सकता है। इससे प्राप्त कुछ परिणाम ठीक वैसे थे जैसे रोजाना प्रशिक्षण के दौरान खिलाड़ियों को मिलते हैं। शोधकर्ता एंडी जोंस के अनुसार, आक्सीजन पर चुकंदर के प्रभाव से वह काफी उत्साहित हैं।