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Wednesday, April 22, 2009

कसौली में मनाएँ छुट्टियाँ


बर्फ से लदे पहाड़, हरी-भरी घाटियां, कल-कल बहती नदियां, गहरी खाइयां, पहाड़ों से निकलकर

मस्ती में झूमते झरने, फूलों की खुशबू से महकती हरियाली और हॉट वॉटर स्प्रिंग्स। जी हां, हम कुदरत के स्वर्ग कसौली की ही बात कर रहे हैं। वैसे तो, हिमाचल में मनाली, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा, चैल, पालमपुर, धर्मशाला और डलहौजी जैसी काफी ऐसी जगहें हैं, जहां जाकर आपको महसूस होगा कि आप कुदरत की गोद में जाकर बैठ गए हैं। इसके बावजूद, कसौली की बात ही कुछ और है। यहां के दिलकश माहौल में ट्रैकिंग, फिशिंग, पैरा ग्लाइडिंग, आइस स्केटिंग और गोल्फ जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मजा उठा सकते हैं।

शिमला के रास्ते में
हिमाचल प्रदेश में स्थित कसौली समुद्र तल से 1927 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। यह हिल स्टेशन शिमला से 77 किमी, धर्मपुर से 15 किमी, चंडीगढ़ से 64 और कालका से 35 किमी दूर है। अगर आप कसौली घूमने जाएंगे, तो यहां आपको सिर्फ एक खूबसूरत और शानदार हिल स्टेशन ही नहीं, बल्कि इससे भी बढ़कर बहुत कुछ मिलेगा। शिमला की ओर जाते वक्त यह पहला हिल स्टेशन पड़ता है। अब भी यहां अंग्रेजों के जमाने की बिल्डिंग, बंगले और सड़कें देखी जा सकती है। यहां एंग्लिकन क्राइस्ट चर्च के साथ अपर और लोअर मॉल भी है।

क्या देखें

मंकी पॉइंट: कसौली में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर मंकी पॉइंट मौजूद है। कसौली के बस स्टैंड से इसकी दूरी महज 4 किलोमीटर है। आप यहां से धौलाधार रेंज की पहाड़ियों और मस्ती में झूमती सतलुज नदी का नजारा ले सकते हैं। मंकी पॉइंट में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर हनुमान मंदिर मौजूद है। कहा जाता है कि जब लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर हनुमान संजीवनी बूटी लेकर वापस आ रहे थे, तब उनका पैर यहां की पहाड़ियों से टकरा गया था। इसलिए इस पॉइंट की ऊंचाई पैर की शक्ल में है।

सनावर: कसौली से 6 किमी दूर यह जगह लॉरेंस स्कूल के लिए मशहूर है। इस स्कूल की स्थापना सर हेनरी लॉरेंस ने तकरीबन 100 साल पहले की थी। जो भी टूरिस्ट यहां आता है, वह लॉरेंस स्कूल जरूर विजिट करता है।

धर्मपुर: राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 22 पर कसौली से 15 किमी की दूरी पर धर्मपुर स्थित है। यहां आने पर सदाबहार पेड़ों के झुरमुट आपका स्वागत करते हैं। देश में टीबी के इलाज के लिए सबसे बेहतरीन अस्पताल यहीं है। यह कालका-शिमला रेललाइन से जुड़ा है।

सबाथू: धर्मपुर से 15 किमी दूर डाइवर्जन रोड पर सबाथू पर मौजूद है। यह जगह आपको कैंट एरिया का अहसास कराएगी। यहां 19वीं शताब्दी में बना और 1437 मीटर की ऊंचाई पर बसा गोरखा फोर्ट है। ब्रिटिश राज में यहां अंग्रेज सैनिकों का जमावड़ा रहता था।

डगशाई: यह जगह कसौली से 19 किमी दूर करीब 1925 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां जाने पर आप छोटी-छोटी पहाड़ियों, मिलिट्री स्कूल और मिलिट्री बैरकों से रूबरू होंगे। वहीं, कसौली 1900 ईस्वी में बने पाश्चर इंस्टिट्यूट के लिए भी मशहूर है, जो मशहूर साइंटिस्ट लुई पाश्चर की याद में बनाया गया था। यहां एंटी रेबीज वैक्सीन बनाई जाती है।

कैसे पहुंचे: कसौली से सबसे नजदीक चंडीगढ़ एयरपोर्ट ही है। यहां से आप बस या टैक्सी के रास्ते कसौली पहुंच सकते हैं। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो आपको कालका स्टेशन पर उतरना होगा, जहां से कसौली 40 किमी दूर है। यहां से आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए बस या अन्य किसी वीइकल की सर्विस लेनी पड़ेगी।

कब जाएं: कसौली विजिट करने के लिए बेहतरीन समय अप्रैल से जून और सितंबर से लेकर नवंबर तक है। यहां सर्दियों में तापमान फ्रीजिंग पॉइंट से जरा ही ऊपर रहता है। इस समय वहां जाने पर आपको सिर से पांव तक स्वेटर, कोट, जैकिट और टोपी से ढके रहना होगा। यहां गर्मियों में भी हल्के ऊनी कपड़ों की जरूरत पड़ती है।

कहां ठहरें: कसौली में ठहरने के लिए आपको लॉज, बजट होटल, गवर्नमेंट अप्रूव्ड होटल और डीलक्स होटल मिलेंगे। अपने बजट को ध्यान में रखते हुए आप इनमें से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। लेकिन बुकिंग एडवांस ही करवाएं।

क्या खाएं: कसौली में घूमने-फिरने के अलावा आप बेहतरीन खाने का भी मजा ले सकते हैं। जगह-जगह तिब्बती शॉपकीपर्स की दुकान पर आप ओरिजिनल मोमोज ट्राई कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको चाइनीज, कॉन्टिनेंटल और नॉर्थ इंडियन कुजीन भी खूब मिलेगा।

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