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Friday, March 13, 2009
स्त्रियों में चेतना और आगे बढ़ने की लगन जगाने में सक्षम कविता - संग्रह
आदरणीय अशोक लव जी
नमस्कार !
दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित द्वारा आपकी पुस्तक का लोकार्पण , आपके प्रति सम्मान दर्शाता है।
' मोहयाल आश्रम वृन्दावन ' के ' भूमि - पूजन और शिलान्यास समरोह' में आपने पुस्तक की प्रति दी थी । ' लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान ' की कविताएँ प्रेरणास्पद हैं । समाज में स्त्रियों में चेतना और आगे बढ़ने की लगन जगाने में सक्षम यह कविता - संग्रह आपकी काव्य- क्षमता दर्शाता है। प्रत्येक कविता ने मुझे बेहद प्रभावित किया है। ' सदाबहार बेटियाँ ' तथा 'माँ और कविता ' पढ़कर मन की बगिया महक उठती है। ' बालिकाएँ जन्म लेती रहेंगीं ' कविता भ्रूण - हत्या रोकने में प्रेरक सिद्ध होकर इस घृणित मनोवृत्ति को रोक सके तो आपका श्रम सार्थक हो जाएगा।
'लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान ' आपकी काव्य - यात्रा का मील का पत्थर है।
--रवि बक्शी , संपादक - ' राष्ट्र का मोह ' ,पटेल नगर , सहारनपुर
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