रोजगार पाने या अपना बिजनेस चलाने के लिए, निश्चित या अनिश्चित समय के लिए भारत से बाहर जो भारतीय नागरिक रहते हैं उन्हें अप्रवासी भारतीय माना जाता है। (एक व्यक्ति जिसे केंद्र या राज्य सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र में या विदेशों में भेजा जाता है या जो व्यक्ति पब्लिक अंडरटेकिंग कंपनियों में करार के तहत काम करने विदेश जाता है वह भी इस श्रेणी में आता है। ) अप्रवासी भारतीय जिन्हें विदेशी नागरिकता प्राप्त है, को भी लगभग वही सुविधाएं प्राप्त होंगी जो अप्रवासी भारतीयों को।
क. भारत में बैंक आउंट खुलवाने शेयर और सेक्यूरिटी बांड में निवेश करने में सुविधा प्रदान करने के मद्देनजर - एक विदेशी नागरिक(पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर) को निम्नंकित शर्तो पर भारतीय मूल का माना जा सकता है-
1. वह भारतीय पासपोर्ट धारक हो।
2. भारतीय संविधान की धाराओं तथा नागरिकता अधनियम 1955 के अनुसार किसी व्यक्ति के अभिभाव या उसके पूर्वज भारतीय नागरिक रहे हों।
नोट:- भारत या भारतीय मूल के नागरिक की पत्नी(पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को छोड़कर) को भी भारतीय नागरिक का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन इन्हें बैंक काउंट खोलने, शेयर, सेक्यूरिटी बांड खरीदने जैसे कार्य अपने प्रवासी भारतीय पत्नी के साथ ही करना होगा।
ख.- अचल संपत्तियों में निवेश के लिए विदेशी नागरिक (पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर) भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है, अगर-
3. वह भारतीय पासपोर्ट धारक हो।
4. भारतीय संविधान या 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत उसके माता-पिता या पूर्वज भारतीय नागरिक रहे हों।
इसका मतलब ओवरसीज कारपोरेट बॉडिज एक ऐसी संस्थान है जिसका किसी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्ति द्वारा 60 प्रतिशत से अधिक संपत्ती का स्वामित्व हो अप्रवासी भारतीयों को दी जाने वाली सारी सुविधाएं ओसीबी को तब तक प्राप्त होंगी जब तक कि उनका संस्थान पर स्वामित्व रहेगा तथा उनकी संस्था लाभ कमाने की स्थिति में रहेगी।
भारत में पैसे केवल सामान्य बैंकिंग चैनल द्वारा ही किया जा सकता है। हालांकि खाड़ी क्षेत्रों में स्थित एक्सचेंज हाउस को भी भारत में पैसे भेजने का अधिकार दिया गया है। इसके लिए उसे डिमांड ड्राफ्ट, मेल ट्रांसफर और टेलिग्राफिक आर्डर जैसे माध्यमों को अपनाना होगा।
अप्रवासी भारतीय जिन बैंक खातों का प्रयोग कर सकते हैं उन्हें निमनंकित शीर्षकों में सूचीबद्ध कर सकते हैं:-
क. वर्गीकरण का आधार बैंक खाता की मुद्रा होनी चाहिए।
1. भारतीय रुपया
2. विदेशी मुद्रा खाता
ख. फंड के आधार पर वर्गीकरण
अप्रवासी भारतीय किसी भी बैंक में खाता खुलवाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके लिए किसी भी बैंक से अग्रिम अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
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